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भोपाल, जनवरी 10,2025
कोलोरेक्टल कार्सिनोमा (सीआरसी) दुनिया भर में कैंसर से संबंधित मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। हालाँकि, नियमित जांच और शीघ्र पता लगाने से मृत्यु दर में काफी कमी आती है। मणिपाल विश्वविद्यालय में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी में प्रशिक्षु डॉ. रजत केशरी सीआरसी जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डालते हैं, विशेष रूप से कोलोरेक्टल घातकता के पारिवारिक इतिहास वाले व्यक्तियों के लिए। वह जीवनशैली में संशोधन और स्थापित स्क्रीनिंग दिशानिर्देशों के पालन की भूमिका पर भी जोर देते हैं।
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डॉ. रजत कोलोरेक्टल कैंसर स्क्रीनिंग के लिए अमेरिकन कैंसर सोसायटी (एसीएस) दिशानिर्देशों के अनुसार बताते हैं।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी (एसीएस) शीघ्र पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए सीआरसी स्क्रीनिंग के लिए व्यापक दिशानिर्देश प्रदान करती है:
स्क्रीनिंग शुरू करने की उम्र:
-औसत जोखिम वाले व्यक्ति: स्क्रीनिंग 45 साल की उम्र में शुरू होनी चाहिए।
- उच्च जोखिम वाले व्यक्ति: जिनके परिवार में कोलोरेक्टल कैंसर का इतिहास है, सूजन आंत्र रोग का इतिहास है, या वंशानुगत स्थितियां (जैसे, लिंच सिंड्रोम) हैं, उन्हें पहले और अधिक बार जांच की आवश्यकता हो सकती है।
**स्क्रीनिंग के विकल्प और आवृत्ति:**
1. **दृष्टिगत परीक्षण:**
- **कोलोनोस्कोपी:** हर 10 साल में (यह प्राथमिक तरीका है क्योंकि यह पॉलीप्स का पता लगाने और उन्हें हटाने दोनों की अनुमति देता है)।
- **सीटी कोलोनोग्राफी (वर्चुअल कोलोनोस्कोपी):** हर 5 साल में।
- **फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी:** हर 5 साल में।
2. **स्टूल-आधारित परीक्षण:**
- **फेकल इम्यूनोकेमिकल टेस्ट (FIT):** हर साल।
- **गुआइक-आधारित फेकल ओकल्ट ब्लड टेस्ट (gFOBT):** हर साल।
- **मल्टीटारगेट स्टूल डीएनए टेस्ट (MT-sDNA):** हर 3 साल में।
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**स्क्रीनिंग कब बंद करें:**
- **75 साल तक:** उन लोगों के लिए स्क्रीनिंग की सिफारिश की जाती है जो अच्छे स्वास्थ्य में हैं और जिनकी जीवन प्रत्याशा 10 साल या उससे अधिक है।
- **76 से 85 साल की उम्र में:** स्क्रीनिंग के निर्णय व्यक्तिगत स्वास्थ्य और पिछली स्क्रीनिंग के इतिहास के आधार पर किए जाने चाहिए।
- **85 साल के बाद:** आमतौर पर स्क्रीनिंग की सिफारिश नहीं की जाती।
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**कोलोरेक्टल कैंसर (CRC) के लिए कौन जोखिम में है?**
डॉ. केशरी बताते हैं कि कुछ कारक CRC विकसित होने की संभावना को बढ़ाते हैं, जैसे:
- **पॉजिटिव फैमिली हिस्ट्री:** पहले-डिग्री के रिश्तेदार को CRC या एडवांस्ड एडेनोमा का 60 साल की उम्र से पहले निदान।
- **क्रॉनिक स्थितियां:** क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी सूजन संबंधी आंत्र रोग।
- **आनुवंशिक सिंड्रोम:** लिंच सिंड्रोम और फैमिलियल एडेनोमेटस पॉलीपोसिस (FAP)।
- **जीवनशैली कारक:** खराब आहार, निष्क्रियता, मोटापा, शराब का सेवन, और धूम्रपान।
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**कोलोरेक्टल कैंसर कब संदेह करें:**
मरीजों को निम्नलिखित लक्षणों के दिखने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए:
1. **अकारण वजन घटना:** बिना आहार परिवर्तन के अचानक और महत्वपूर्ण वजन घटना।
2. **भूख में कमी:** खाने में लगातार रुचि की कमी।
3. **कैशेक्सिया:** मांसपेशियों का कमजोर होना और दुर्बलता।
4. **मल में खून:** चमकीला लाल या गहरा, टार जैसा मल।
5. **मल त्याग की आदतों में लगातार बदलाव:** जैसे दस्त, कब्ज, या पतले मल।
6. **पेट दर्द:** ऐंठन, गैस, या अस्पष्ट असुविधा।
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**रोकथाम में भूमिका:**
डॉ. केशरी जोर देते हैं कि जीवनशैली में परिवर्तन CRC को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
- **उच्च-फाइबर आहार अपनाएं:** फलों, सब्जियों और साबुत अनाज पर ध्यान दें, जबकि लाल और प्रसंस्कृत मांस को कम करें।
- **स्वस्थ वजन बनाए रखें:** मोटापा एक प्रमुख जोखिम कारक है।
- **धूम्रपान और शराब से बचें:** दोनों का CRC जोखिम से संबंध है।
- **सक्रिय रहें:** नियमित व्यायाम पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है और कैंसर के जोखिम को कम करता है।
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**निष्कर्ष:**
"नियमित स्क्रीनिंग कोलोरेक्टल कैंसर की रोकथाम की नींव है," डॉ. राजत केशरी कहते हैं। ACS दिशानिर्देशों का पालन करके, व्यक्ति CRC का प्रारंभिक चरण में पता लगा सकते हैं या कैंसर पूर्व पॉलीप्स को हटाकर इसे रोक सकते हैं।
विशेष रूप से वे मरीज जिनके परिवार में इतिहास है या अन्य जोखिम कारक हैं, उन्हें अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर अपनी जरूरतों के अनुसार एक स्क्रीनिंग और रोकथाम योजना तैयार करनी चाहिए।
डॉ. केशरी की CRC के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने की प्रतिबद्धता उनके रोगियों के परिणामों को सक्रिय स्वास्थ्य उपायों के माध्यम से बेहतर बनाने के उद्देश्य को दर्शाती है।
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